कदा निलिंपनिर्झरी निकुञ्जकोटरे वसन् विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरःस्थमंजलिं वहन्। दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजंगमौक्तिकमस्रजोर्गरिष्ठरत्नलोष्ठयोः सुह्रद्विपक्षपक्षयोः। सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम्। ओम नमः भगवते रुद्राये द्विष्ट लेखि नहर स्वः If you're using vashikaran mantras to bring in enjoy, make sure that that you are executing it with another person’s most effecti... https://kamadevmohinimantra32198.digitollblog.com/31343788/everything-about-vashikaran-mantra